नगर निगम का ये क्या झोल : मीटिंग में 1.91 करोड़ पास, टैक्नीकल एस्टीमेट 1.89 करोड़, टैंडर 1.44 करोड़
What is this bag of Municipal Corporation: 1.91 crore passed in the meeting, technical estimate 1.89
What is this bag of Municipal Corporation: चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। चंडीगढ़ नगर निगम के काम भी बड़े अजीबोगरीब हैं। सेक्टर 31 के एयरफोर्स मकानों के बीच में जो बुत (स्कल्पचर) लगाये जा रहे हैं, यानि होर्टीकल्चर विभाग (Department of Horticulture) का जो मूल काम है, उसे भूलकर एक अन्य काम में विभाग को झोंक दिया गया है। एक तरफ प्रशासन व इसका विजिलेंस विभाग भ्रष्ट व्यवस्था को दूर कर पारदर्शी तरीके से काम करने की दिशा में काम कर रहा है तो दूसरी तरफ टैंडर भी इस तरीके से लग रहे हैं जिसमें भ्रष्टाचार की पूरी पूरी गुंजाइश है। इतना ही नहीं पारदर्शिता को तो बिलकुल ताक पर रख दिया गया है।
चंडीगढ़ नगर निगम की 29 जुलाई को हुई 315वीं हाऊस मीटिंग में इन बुतों को लगाने का 1.91 करोड़ रुपये का एजेंडा पास हुआ। इसे 30 अगस्त 2022 को एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल और बाद में 7 सितंबर 2022 को टेक्नीकल अप्रूवल दे दी गई। 17 सितंबर 2022 को टैंडर फ्लोट किया गया। लेकिन हैरत वाली बात यह थी कि टैंडर 1 करोड़ 44 लाख रुपये के करीब का किया गया।
जानकारी के मुताबिक यहीं से भ्रष्टाचार (Corruption) के खेल की जड़ें शुरू होती हैं। टैंडर में कुछ हजार कम या ज्यादा होता तो समझ आने वाली बात थी लेकिन करीब 45 लाख रुपये कम का टैंडर क्यों जारी हुआ? बैठक में तो यह बुत लगाने के लिए 1.91 करोड़ रुपये पास कराये गए। पार्षदों की आंखों में धूल झोंकी गई या फिर उन्होंने ध्यान ही नहीं दिया? यह अपने आप में जांच का विषय है कि मीटिंग में इसके लिए 45 लाख रुपये ज्यादा की रकम पास क्यों की गई जब टैंडर 1.44 करोड़ के करीब ही लगा। इतना ही नहीं, एक अन्य पार्टी ने तो यह बुत लगाने के काम के लिए इससे भी कम में करने की इच्छा जताई। इससे भी अनूठी बात यह है कि पुराने स्क्रैप इत्यादि से बुत बनाने का एक पूरा गार्डन रॉक गार्डन यहां मौजूद है। इस काम में वहां का प्रशासन संभाल रहे लोगों की मदद ली जा सकती थी लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया।
आरटीआई में जो जानकारी नगर निगम (Municipal Corporation) की ओर से दी गई है, उसमें यह नहीं बताया गया है कि कितना मैटीरियल स्कल्पचर बनाने में प्रयोग होगा। एमसी हाऊस में 1.91 करोड़ में स्कल्पचर के काम का एजेंडा पास हुआ। इसका टैक्नीकल एस्टीमेट 1.89 करोड़ का बना। टैंडर 1.44 करोड़ का फलोट हुआ। सबसे लोएस्ट व कम कोटेशन महज 95 लाख की प्राप्त हुई। दस फर्मों ने कोटेशन अपलोड करी जिसमें से चार को रिजेक्ट कर दिया गया। 6 फर्मों के कोटेशन को इवेल्यूएट किया गया। सबसे कम एक फर्म ने 94 लाख 89 हजार 707 (94,89,707 रुपये) रुपये की कोटेशन इन स्कल्पचरों (Quotations in Sculptures) को बनाने की दी। आरटीआई एक्टीविस्ट आरके गर्ग के अनुसार पूरा प्रोसेस मैनेज्ड लगता है। कैसे एस्टीमेट तैयार किये गए।
रॉक गार्डन मैनेज करने वाले इंजीनियरिंग विभाग को यह काम दिया गया होता तो यह स्कल्पचर कुछ लाख में बन सकते थे। उन्होंने मांग की इन टैंडरों को रद कर पूरे मामले का रिव्यू किया जाए। दूसरा सेक्टर 31 में जहां ये लगाये जा रहे हैं वहां शहर के आम आदमी को जाने की इजाजत भी नहीं है। एयरफोर्स के कुछ अफसरों के कहने पर यह पैसा फूंका जा रहा है।
चंद अफसरों ने सिफारिश कर दी और प्रशासन एयरफोर्स के नो एंट्री जोन में पैसा खर्च करने को तैयार हो गया।
काम के तीन कंपोनेंट
- नगर निगम के हॉर्टीकल्चर विभाग के एसई कृष्णपाल का कहना है कि चूंकि इस काम के तीन कंपोनेंट हैं, इसलिए रेट में वेरिएशन है। इस काम में सिविल वर्क, आर्ट वर्क और लैंड स्केपिंग है, जिसका अलग-अलग ठेकेदार होता है इसलिए बैठक में ज्यादा रकम पास की गई। ताकि बाद में बीच में काम न रोकना पड़े।
ये हैं अलग-अलग काम की कीमतें
- टैंडर (डीएनआईटी)के अनुसार ओपन हैंड स्कल्पचर की कीमत 41.30 लाख रुपये रहेगी।
- ली-काबूर्जियर स्कल्पचर की लागत 33.63 लाख रुपये रहेगी।
- पार्क का एंट्रेंस गेट जिसके साथ ट्री स्कल्पचर होगा, उसकी लागत 43.07 लाख रहेगी।
- साइकिल रिम डोम स्कल्पचर पर 19.47 लाख रुपये लगेंगे।
- साइकलिस्ट स्कल्पचर फ्रॉम स्क्रैप 7.08 लाख रुपये की लागत से बनेगा।